नई दिल्ली, 28 फरवरी ( न्यूज हेल्पलाइन ) Maha Shivratri date 2022 %3A महा पर्व यानि महाशिवरात्रि कल 1 मार्च को मनाई जाएगी। गाजे—बाजे के साथ बाबा की बारात निकाल कर विवाह रचेगा। आपको बता दें मंगलवार पड़ रही महाशिवरात्रि बड़ी ही खास होने वाली है। जी हां क्योंकि इस बार मां पार्वती और भगवान शिव के इस त्योहार पर पांच ग्रहों की युति होने जा रही है। ज्योतिषाचार्यों की मानें इस विशेष योग में पड़ रही महाशिवरात्रि भक्तों की हर मुराद पूरी करेंगी।
इस दिन होती है शिवरात्रि —
फाल्गुन मास (Phalguna Month) के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को यह त्योहार मनाया जाता है। इस साल यानि 2022 में महाशिवरात्रि पर्व 1 मार्च मंगलवार को आ रहा है।
हुआ था शिव विवाह —
मान्यता अनुसार इस दिन माता पार्वती और महादेव का विवाह होने से ये दोनों को अत्यंत प्रिय है। इसलिए कहा जाता है कि इस दिन शिव—गौरी से सच्चे मन से मन्न मांगने से सारे कष्ट दूर होते हैं। अगर आप भी इस दिन बन रहे विशेष योग का लाभ उठाना चाहते हैं तो हम आपको बताने जा रहे है भोले बाबा की कुछ खास प्रिय वस्तुएं जिन्हें बाबा को अर्पित कर आप भी उनकी कृपा पा सकते हैं। चलिए जानते हैं कौन सी हैं वे चीजें।
पूजन मुहूर्त
आइए जानते हैं इस दिन चार पहर की पूजा का समय
महाशिवरात्रि पहले पहर की पूजा%3A 1 मार्च 2022 को 6%3A21 pm से 9%3A27 pm तक
महाशिवरात्रि दूसरे पहर की पूजा%3A 1 मार्च को रात्रि 9%3A27 pm से 12%3A33 am तक
महाशिवरात्रि तीसरे पहर की पूजा%3A 2 मार्च को रात्रि 12%3A33 am से सुबह 3%3A39 am तक
महाशिवरात्रि चौथे पहर की पूजा%3A 2 मार्च 2022 को 3%3A39 am से 6%3A45 am तक
व्रत का पारण%3A 2 मार्च 2022, बुधवार को 6%3A45 am
महाशिवरात्रि पर बन रहे हैं शुभ योग
ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि के दिन सुबह 11%3A18 मिनट तक परिघ योग रहेगा। जिसके बाद शिव योग प्रारंभ हो जाएगा। इतना ही नहीं, महाशिवरात्रि के दिन मकर राशि में मंगल, शनि, चंद्रमा, शुक्र और बुध ग्रहों की युति होने से पंचग्रही योग भी बनने जा रहा है।
परिघ योग में परास्त होंगे शत्रु —
अगर आप अपने शत्रुओं को परास्त करना चाहते हैं तो परिघ योग में कुछ विशेष उपाय कर सकते हैं। आपको सफलता जरूर मिलेगी।
वहीं शिव योग में आप कोई भी महत्वपूर्ण और शुभ काम कर सकते हैं। उस काम में सफलता मिलने के साथ आपको उसका कई गुणा पुण्य भी प्राप्त होगा।
महादेव की प्रिय वस्तुएं —
तीन बेलपत्र त्रिनेत्र की संज्ञा —
ये तो सभी जानते हैं कि भोलेनाथ को बेलपत्र अति प्रिय हैं। पर इसमें ध्यान रखने वाली बात है कि बेलपत्र एक नहीं बल्कि हमेशा तीन अर्पित की जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि शास्त्रों में इन तीन पत्तियों को त्रिदेव और महादेव के त्रिनेत्र की संज्ञा दी गई है। बेलपत्र से महादेव जल्दी खुश होते हैं।
पीपल के पत्ते —
बेलपत्र के अलावा शिवजी को पीपल के पत्ते भी बेहद प्रिय हैं। बिल्वपत्र न मिलने की स्थिति में इन्हें भी अर्पित किया जा सकता है।
इसलिए चढ़ती है भांग —
भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान विष पान कर लिया था। उस दौरान उन्हें भांग के पत्तों का सेवन जलन शांत करने के लिए कराया गया था। इसलिए भगवान शिव को भांग चढ़ाई जाती है। जो उन्हें ठंडक पहुंचाती है।
हर प्रकार का कष्ट दूर करेगा धतूरा —
आपको बता दें विष की जलन शांत करने के लिए भांग के साथ—साथ धतूरा भी भगवान को खिलाया गया था। अगर आप भी उन्हें धतूरा भेंट करते हैं तो इससे सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।
शनि का प्रकोप शांत करेगा शमी —
अगर आप शनि से पीड़ित हैं तो महाशिवरात्रि पर आपको सुनहरा मौका मिलने वाला है। जी हां भगवान शिव को शमी का पौधा बेहद प्रिय है। ऐसे में अगर आप उन्हें इसकी पत्तियां अर्पित करते हैं तो आपको शनि के प्रकोप से शांति मिलती है।
Posted On:Monday, February 28, 2022